Kavita Jha

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छंद गीत #हिंदी दिवस प्रतियोगिता लेखनी -18-Sep-2022

गुरुकुल
गीता छंद (2212 2212 ,2212 221)
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फिर से मिले गुरुकुल हमें, संस्कार की थी खान।
ज्ञानी बने तब थे सभी, गुरु को समझ भगवान।।

माता पिता से हो अलग, गुरुकुल गए श्री राम।
शिक्षा मिली अनमोल थी, पावन किए सब काम।।

शिक्षा हुई व्यापार अब, मिलता उसे ही ज्ञान।
पैसा बहुत खर्चा किया, उसको मिला सम्मान।।

कितना सही होता अगर, गुरुकुल खुलेंगे आज।
बच्चे सभी गुण से भरें, गुरु भी करेंगे नाज।।

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सादर समीक्षार्थ
कविता झा'काव्या कवि'

#लेखनी हिंदी दिवस प्रतियोगिता 




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8 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन,,,, त्रुटि रहित रचना लिखना बहुत बड़ी बात है,,, साधुवाद साधुवाद

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Kavita Jha

25-Sep-2022 07:15 PM

सादर आभार आदरणीय 🙏

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Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 12:28 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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Achha likha hai 💐

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